डायमंड सिटी के रूप में मशहूर सूरत | Project 35 | Surat
Positive 2 की #KnowAboutMuslimAreas सीरीज़ की चौंतीसवीं कड़ी: सूरत #Surat
Positive 2: गुजरात राज्य के प्रमुख कारोबारी शहर होने ही हैसियत रखने वाला सूरत, जिसे हम डायमंड सिटी के नाम से भी जानते हैं। पुराने जमाने से ही सूरत अरब सागर के किनारे स्थित होने की वजह से कारोबारी बंदरगाह के रूप में मशहूर रहा है। ऐसा नहीं है कि सूरत केवल अपने हीरा उद्योग के लिए ही प्रसिद्ध है, यह शहर अपने सिल्क कपड़ों और आईटी इंडस्टरी के लिए भी जाना जाता है। देश का आठवां बड़ा शहर होने की वजह से यहाँ पर प्रवासी लोगों का आना-जाना हमेशा लगा ही रहता है।
मोटा-मोटी अगर बात की जाये तो गुजरात का दूसरा सबसे बड़ा शहर सूरत, एक जिले की हैसियत से 4418 sq km में फैला हुआ है जहाँ की आबादी तक़रीबन 60 लाख है जिसमें से 11 फीसद आबादी मुस्लिम है। देश के सबसे तेज विकासशील शहरों में शामिल सूरत में आबादी किस तेजी से बढ़ रही है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगायें की सूरत की आबादी 2001 में 40 लाख थी जो 2011 में बढ़ के 60 लाख हो गयी थी। इसके पीछे एक वजह यह भी है की सूरत की प्रति व्यक्ति आमदनी पूरे देश में सबसे ज्यादा है जो 5 लाख के आस पास है।
आप लोग हाशिम अमला को तो जानते ही होंगे साऊथ अफ्रीका के प्रसिद्ध क्रिकटर उनके परिवार की जड़ें भी गुजरात के सूरत शहर से ही जुड़ी हुई हैं। इतना बड़ा कारोबारी शहर होने की पहचान, तो आप अंदाजा लगा ही सकते है कि यहाँ पर ट्रांसपोर्ट किस हाई क्वालिटी का होगा। सूरत भारत सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सबसे अग्रणी शहरों में शामिल है। भारत और गुजरात सरकार मिल कर इस शहर को एक बिज़नेस हब के तौर पर स्थापित कर रही है।
बात अगर शिक्षा की करें तो भी सूरत को पश्चिमी भारत का Educational Hub भी कहा जा सकता है। सूरत को दो चीजें और भी खास बनाती है एक इसका शुमार भारत के सबसे साफ़ सुथरे शहरों में होता है दूसरा इसकी जीडीपी की ग्रोथ रेट देशभर में सबसे ज्यादा 11.5% है। सूरत का किला यहाँ का एक बड़ा आकर्षण का केंद्र है जिसे सोहलवीं सदी में अहमदाबाद के राजा सुल्तान महमूद-तृतीय ने शहर पर हो रहे लगातार हमलों से बचाने के लिए करवाया था।
अगर आप कारोबारी हैं तो आपके लिए सूरत काम-धंधे के लिए एक Perfect शहर है। शहरों के मामले मे अगर आपको भारत की तरक्की और शहरीकरण का एक बेहतरीन नमूना देखना है तो आपको सूरत जरूर जाना चाहिए। मगर जैसा कि आप मैं सब जानते हैं की शहर बहुत बेदर्द होतें हैं जो अपनी तरक्की के लिए तो आपका इस्तेमाल करते हैं मगर जब काम ख़त्म तो आपको चाय में से जैसे मख्खी को निकाल फेंक देतें है वही हाल यहाँ भी है। बाकि आप लोग खुद ही समझदार है इशारा ही काफी है।
बाकी सब खैरियत है
Ansar Imran SR
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